प्रेस विज्ञप्ति
हिम संस्कृति शोध संस्थान एवं श्री खुडीजहळ धाम परिवार के संयुक्त प्रयास से इस वर्ष के दशहरा उत्सव, कुल्लू में टांकरी मातृका के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से एक अनूठी पहल की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत बाह्य सराज क्षेत्र के सभी देवताओं के अस्थायी शिविरों में टांकरी लिपि में बैनर तैयार कर लगाए जा रहे हैं। इस प्रयास का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश की प्राचीन टांकरी लिपि को पुनर्जीवित करना और नई पीढ़ी में इसकी पहचान और महत्व को सशक्त बनाना है।
हिम संस्कृति शोध संस्थान के संस्थापक डॉ. यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि टांकरी लिपि हिमाचल के सांस्कृतिक पहचान की आत्मा है। इसे सार्वजनिक आयोजनों में पुनः स्थापित करना लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। श्री खुडीजहल धाम के संयोजक विजय दत्त ने कहा कि कुल्लू दशहरा देव संस्कृति का वैश्विक पर्व है, और इस पवित्र अवसर पर टांकरी लिपि के प्रचार-प्रसार से हिमाचली अस्मिता को नया सम्मान मिलेगा।
संस्थान और धाम परिवार का उद्देश्य है कि आने वाले समय में यह अभियान पूरे हिमाचल प्रदेश में विस्तारित किया जाए ताकि टांकरी लिपि को विद्यालयों, लोक उत्सवों और धार्मिक स्थलों में पुनः प्रतिष्ठा प्राप्त हो सके। सभी श्रद्धालुओं, देव संस्थानों, कलाकारों एवं स्थानीय समुदायों से आग्रह किया गया है कि वे टांकरी मातृका के संरक्षण एवं संवर्धन के इस पवित्र अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।
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